प्राचीन संग्रहालय में घूमते समय नन्हें बेटे ने अपनी माँ से पूछा, "माँ, 'प्राचीन' का क्या अर्थ होता है?"
"बेटा, प्राचीन का अर्थ है पुराना…यानि पुराने समय का। यहाँ जो भी चीज़ें तुम देख रहे हो न, वे सभी सदियों पुरानी हैं, जिन्हें संभाल कर रखा गया है।"
"और पुराने लोग माँ? जैसे हमारे दादा-दादी, जिन्हें बेकार समझ घर से बेघर करने की बात की जाती है…क्या उनकी संभाल नहीं होनी चाहिये?"
साथ खड़े अपने बेटे साहिल की बात सुन सिहर उठी इला और प्रथम बार प्राचीन की महत्ता का बोध हुआ उसे।
"समय का दर्पण", सुकीर्ति प्रकाशन, प. 14
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